Tuesday 22 January 2013

सौराष्ट्र ने 75 साल बाद रचा इतिहास पहुंची फाइनल में

रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में सौराष्ट्र ने पंजाब को 229 रन से हराकर 75 साल बाद फाइनल में अपनी जगह पक्की की।  रविवार को हुए सेमीफाइनल मुकाबले में ऑफ स्पिनर विशाल जोशी की शानदार गेंदबाजी  की बदौलत सौराष्ट्र ने पंजाब को करारी शिकस्त दी। जोशी ने पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 43 रन देकर पांच विकेट अपने नाम किए। इसके अलावा धर्मेंद्र जडेजा ने तीन और जयदेव उनादकट ने दो विकेट लिए। फाइनल मुकाबला 26 जनवरी को खेला जाएगा। फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र की टक्कर मुंम्बई और सेना के बीच खेले जा रहे मैच के विजेता से होगी।

                           सेमीफाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र नें बल्लेबाजी का आगाज़ करते हुए 477 रन बनाए। जवाब में पंजाब की टीम पहली पारी में 299 रन पर सिमट गई और सौराष्ट्र ने पहली पारी में 178 रन की बढत बना ली। इसके बाद सौराष्ट्र दूसरी पारी में मात्र 170 रन ही बना सकी और पंजाब के आगे 349 रनों का लक्ष्य रखा। दूसरी पारी की शुरुआत करते हुए पंजाब ने चौथे दिन मात्र 45 रन पर अपने दो विकेट खो दिेए। पांचवे  और अंतिम दिन के खेल में पंजाब ने सिर्फ 21 ओवर खेलकर ही अपने बकाया 8 विकेट भी गंवा दिए। पंजाब  की टीम मात्र 40 ओवर खेलकर 119 रन के साधारण स्कोर पर सिमट गई। पंजाब की ओर से दूसरी पारी में सर्वाधिक स्कोर करने वाले खिलाडी मनदीप सिंह रहे। मनदीप ने सबसे अधिक 33 रन बनाए। इसके अलावा टीम के छ: खिलाडी अपने व्यक्तिगत स्कोर को दोहरे अंकों में भी तब्दील नहीं कर सके। विशाल जोशी को मैच में 102 रन देकर 9 विकेट हासिल करने के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
                           
                             सौराष्ट्र की टीम पहले नवानगर के नाम से जानी जाती थी। तब उसने दो बार घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट में जगह बनाई थी। इससे पहले सौराष्ट्र (नवानगर) नें अपना अंतिम फाइनल 1937-38 में खेला था। इस मैच में उसे हैदराबाद के विरुद्ध हार का सामना करना पडा था। वर्ष 1936-37 में इस टीम ने बंगाल को हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया था। 2005-06 में जयदेव शाह की कप्तानी में सौराष्ट्र ने अजय जडेजा की अगुआई वाली राजस्थान को हराकर रणजी प्लेट डिविज़न खिताब अपने नाम किया था।

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